दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 50 दिनों से किसानों का आंदोलन जारी है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से 4 सदस्यों की कमेटी गठित करने के बाद भी किसान अपनी मांगों पर अड़े हुए है। दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों के लिए आज का दिन अहम है। तीनों कृषि कानूनों के पर जारी घमासान के बीच आज एक बार फिर सरकार और किसानों के बीच बातचीत होगी। आज दोपहर 12 बजे विज्ञान भवन में किसानों और सरकार के बीच नौवें दौर की वार्ता होगी।
कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं ने कहा कि वे सरकार के साथ नौवें दौर की वार्ता में भाग लेंगे, लेकिन उन्हें इस बातचीत से ज्यादा उम्मीद नहीं है कि इस बातचीत से कोई समाधान निकलेगा। क्योंकि वे विवादित कानूनों को वापस लिए जाने से कम पर नहीं मानेंगे। चूंकि, कृषि कानूनों के मुद्दे पर गतिरोध को समाप्त करने के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त पैनल की पहली बैठक 19 जनवरी को होने की संभावना है, ऐसे में शुक्रवार को केन्द्र सरकार और किसान संघों के बीच इस मुद्दे पर यह अंतिम बैठक हो सकती है।
जानकारी के लिए बता दे कि केन्द्र सरकार और किसान नेताओं के बीच पहले हो चुकी आठ दौर की बातचीत में कोई सफलता नहीं मिली है। वहीं, गुरूवार को केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि सरकार को आशा है कि शुक्रवार को होने वाली बैठक में कुछ अच्छा परिणाम निकलेगा। किसान संगठनों का कहना है कि वे सरकार के साथ निर्धारित वार्ता में हिस्सा लेने को तैयार हैं, लेकिन उन्होंने न्यायालय द्वारा नियुक्त पैनल के समक्ष उपस्थित होने से इनकार किया है और उसके सदस्यों पर भी सवाल उठाया है।
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