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Friday 15 January 2021

कई प्लेटफार्म के बाद Snapchat ने भी की राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ कार्रवाई

 


अमेरिका। हर सोशल मीडिया प्लेटफार्म अपने यूजर्स के लिए लांचिंग के समय कुछ नियम व शर्ते रखती है। जिन्हें उस ऐप या प्लेटफार्म के यूजर्स को मानना पड़ता है। यदि किसी वजह से यूजर्स इन नियमों का उल्लंघन करते हैं तो, वो ऐप उनके अकाउंट को बिना किसी की अनुमति लिए या बिना किसी चेतावनी दिए ही बैन कर देती है। भले वो कोई नेता, सेलिब्रिटी हो या आम आदमी। ऐसा ही कुछ हुआ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ।

राष्ट्रपति ट्रंप के अकाउंट को बैन :

दरअसल, अमेरिका में हाल ही में राष्‍ट्रपति पद के चुनाव हुए थे, जिसमें ट्रंप के हिस्से में करारी हार लगी है। जिसके बाद बोखलाहट में ट्रंप अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर चुनाव में फर्जीवाड़ा होने का आरोप लगाते हुए पोस्ट कर रहे हैं। जो इन सोशल मीडिया प्लेटफार्म की पॉलिसी के खिलाफ है। इसी के चलते सोशल नेटवर्किंग साइट Facebook और Twitter और यहां तक की वीडियो शेयरिंग वेबसाइट youTube ने भी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अकाउंट को बैन कर दिया है। वहीं, अब उन्हें तीसरा झटका लगा है क्योंकि, इन सब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के बाद Snapchat ने भी ट्रंप का अकाउंट सस्पेंड कर दिया है।

Snapchat ने क्यों किया बैन :

हालांकि, Snapchat ने राष्‍ट्रपति ट्रंप का अकाउंट अमेरिकी संसद भवन में हिंसा को भड़काने के कारण बैन किया है। इनमे से कई प्लेटफार्म द्वारा यह अकाउंट हमेशा के लिए नहीं कुछ समय के लिए बैन किए गए हैं। हालांकि, Snapchat ने ट्रंप का अकाउंट स्थायी रूप से बैन किया है। यानी कि, अब यूजर्स को ट्रंप के Snapchat अकाउंट पर किसी प्रकार का कोई कंटेंट नहीं मिलेगा। इस बारे में Snapchat के एक प्रवक्ता ने बताया है कि,

Snapchat के प्रवक्ता'सार्वजनिक सुरक्षा के हित में और गलत सूचना फैलाने, अभद्र भाषा का उपयोग और हिंसा भड़काने का प्रयास हमारे दिशानिर्देशों का स्पष्ट उल्लंघन करते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए हमने डोनाल्ड ट्रंप के अकाउंट को स्थायी रूप से बैन करने का फैसला लिया है।'

Snapchat का कहना :

Snapchat कंपनी का कहना है कि, 'ट्रंप ने बार-बार स्नैप के सामुदायिक दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने का प्रयास किया है। हालांकि ट्रंप जब भी दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने वाले कंटेंट पोस्ट करते थे तो कुछ ही मिनटों में उन्हें हटा देते थे। जिसके कारण हम उनके कंटेंट की जांच भी नहीं कर पाते थे।' इस कार्रवाई के बाद ट्रंप के लगभग सभी सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म पर बैन लगा दिया गया है

इंदौर कोरोना बुलेटिन : 82 लोगों की रिपोर्ट आई पॉजिटिव

 

इंदौर, मध्य प्रदेश। गुरुवार रात को जारी कोरोना हेल्थ बुलेटिन में 82 लोगों की टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। कुल 3420 टेस्ट किए गए थे। अब तक संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर 56926 हो गया है। रिपोर्ट में 2 मौतों के साथ मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 916 हो गया है। गुरुवार को 121 लोग स्वस्थ होकर संक्रमण से मुक्त हुए। वहीं वर्तमान में 1923 कोरोना संक्रमित होकर इलाजरत हैं। अब तक इंदौर में 7 लाख 25 हजार 24 लोगों की जांच हो चुकी है, जो प्रदेश में सबसे ज्यादा।

कोरोना संक्रमण का आंकड़ा लगातार घटता जा रहा है, वहीं एक्टिव केस की संख्या भी तेजी से कम हो रही है। इसके साथ ही अस्पतालों में जांच के लिए पहुंचने वाले लोगों की संख्या भी लगातार कम हो रही है। शहर के ज्यादातर निजी और सरकारी अस्पताल की कोरोना वार्ड, आईसीयू खाली पड़े हुए हैं, जो लोग एक्टिव हैं, उनमें से ज्यादातर का होम आइसोलेशन में रखकर इलाज किया जा रहा है। अब तक 54 हजार 87 लोग स्वस्थ हो चुके है।

सुदामा नगर, विजय नगर में मिल रहे लगातार संक्रमित :

दीपावली के बाद शायद ही ऐसा कोई दिन रहा हो, जब सुदामा नगर, विजय नगर, सुकलिया क्षेत्र में कोई संक्रमित न मिला। यह तीनों क्षेत्र टॉप 10 में शामिल रहते हैं। गुरुवार सुबह जारी क्षेत्रवार सूची में सबसे ज्यादा 4 पॉजिटिव महालक्ष्मी नगर में मिले हैं। वहीं सुदामा नगर. विजय नगर, सुकलिया, वैभाव नगर में 3-3 पॉजिटिव मिले हैं। इसी प्रकार विंध्याचनलन नगर, सेम्स केंपस, शालीमार पल्मस, साकेत नगर, पिपलियाहाना, एबी रोड, राजेंद्र नगर, बिचौली मर्दना, महू, अन्नपू्र्णा रोड में 2-2 संक्रमित मिले हैं। इस प्रकार कुल 52 क्षेत्रों में 75 पॉजटिव मिले हैं।

इंदौर : कोविड वैक्सीन का पहला डोज लेने से सफाईकर्मी का इनकार

 

इंदौर मध्य प्रदेश। शहर में 16 जनवरी से एंटी कोविड वैक्सीनेशन शुरू हो रहा है। सर्वप्रथम वैक्सीन प्रभारी सीएमएचओ को देने का निर्णय जिला प्रशासन ने लिया था, लेकिन उसे बदलते हुए अब सर्वप्रथम जिला अस्पताल के तीन सफाईकर्मियों को टीका लगाया जाएगा, लेकिन चुनी गई एक महिला सफाईकर्मी ने टीका लेने से इनकार कर दिया है।

तीन में से एख महिला50 वर्षीय सुरेखा डागर का कहना है कि मुझे अधिकारियों से पता चला कि मुझे वैक्सीन की पहली खुराक मिलेगी। मैं पहली खुराक नहीं लेना चाहता। मुझे इसके रिएक्शन से डर लगता है और मेरे ब'चों ने मुझे पहली खुराक नहीं लेने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि वो इसे लेने से मना कर देगी और बाद में लेंगी। वहीं एक अन्य कर्मचारी शिव शिंदे ने कहा कि किसी को तो इसके लिए आगे आना होगा और वह इसके तैयार है।

शिव ने कहा कि हां, मुझे वैक्सीन की पहली खुराक लेने का डर है, लेकिन मैं पहली खुराक ले लूंगा क्योंकि अधिकारियों ने मुझे ऐसा करने के लिए कहा था। मैं एक अस्पताल में काम करता हूं और किसी को तो आगे आना है तो मैं पहला टीका लूंगा। वहीं एक अन्य कर्मचारी आशा पवार से बात नहीं हो सकी। उल्लेखनीय है कि इससे पहले, अधिकारियों ने कार्यवाहक सीएमएचओ डॉ. पूर्णिमा गाडरिया को पहला टीका देने का फैसला किया था, जो टीम और अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रेरित करने के लिए भी काम करता, लेकिन अधिकारियों ने गुरुवार को निर्णय बदल दिया।

भोपाल में कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार गिरावट जारी, मिले 94 नए मरीज

 

भोपाल, मध्यप्रदेश। प्रदेश में जहां वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के मामलों में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी हुई है वहीं दूसरी तरफ प्रदेश की राजधानी भोपाल में कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार धीमी पड़ गई है जिसके चलते अब भोपाल में कम नए मरीज मिल रहे हैं। बता दें कि प्रदेश की राजधानी भोपाल में कोरोना संकट बीते कुछ दिनों से तेजी से बढ़ता ही जा रहा था लेकिन अब भोपाल में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी से गिरावट आई रही है।

राजधानी में मिले 94 नए संक्रमित मरीज :

प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार बताते चलें कि राजधानी भोपाल में 94 लोगों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है। बता दें कि भोपाल में दीवाली के बाद से जहां कोरोना का भयानक रूप राजधानी में सामने आ रहा था, वहीं नए साल से कोरोना के मामलों में कमी से राहत मिली है जिसके साथ ही दिन प्रतिदिन लगातार बढ़ते कोरोना के मामलों में कमी होती जा रही है।

भोपाल कोरोना अपडेट

  • नए मरीज मिले-94

  • कुल मरीज हुए-41393

  • नई मौत-1

  • कुल मौत - 595

  • ठीक हुए -79

  • कुल ठीक हुए -38792

  • अब तक हुई कुल जांच -527793

  • कुल एक्टिव केस-2006

जाने राजधानी भोपाल की स्थिति :

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में अब तक कुल मिलाकर कोरोना मरीजों की संख्या 41393 हो गई है। वहीं राजधानी में इस बीमारी से मरने वालों की संख्या अब तक 595 तक पहुंच गई है। शहर में कोरोना से ठीक होने वाले व्यक्तियों की संख्या भी 38792 पर पहुंच गई है। बता दें कि राजधानी में बढ़ते संक्रमण के मामलों की बात करें तो जहां पहले 300 से ज्यादा कोरोना के मरीज मिलते थे वहीं अब 100 से कम मामले मिल रहे हैं, साथ इसके अलावा कोरोनावायरस की वैक्सीनेशन प्रक्रिया16 जनवरी यानि कल से शुरू होने जा रही है जिससे और राहत मिलेगी।

Vaccination: 2 लाख टीकाकरण कर्मियों के साथ भारत देश कल से टीकाकरण को तैयार

 


देश में 16 जनवरी से टीकाकरण शुरू होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे। वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी है कि हर टीकाकरण सत्र में टीका लगवाने वालों की संख्या 100 से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। 10 प्रतिशत टीकों को आरक्षित रखा जाए क्योंकि इतने डोज का नुकसान हो सकता है। मंत्रालय ने कहा है कि जैसे जैसे टीकाकरण आगे बढ़ेगा, वैसे-वैसे केंद्रों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। पहले चरण में एक करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों और पहली पंक्ति में खड़े दो करोड़ कर्मियों को मुफ्त में टीका लगाया जाएगा। इसके बाद 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे 50 साल से कम उम्र के लोगों को टीका लगाया जाएगा। इस तरह लगभग 27 करोड़ लोगों को टीका लगाया जाएगा।

भारत में टीकाकरण अभियान के लिए 2360 लोगों को राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षण दिया गया है। इनमें राज्य टीकाकरण अधिकारी, प्रशीतन श्रृंखला अधिकारी, आईईसी अधिकारी तथा अन्य भागीदार शामिल हैं। 61 हजार से ज्यादा कार्यक्रम प्रबंधन, दो लाख टीकाकरण कर्मी तथा तीन लाख 70 हजार अन्य कर्मियों को राज्य, जिला और खंड स्तर पर प्रशिक्षित किया जा चुका है। अब अच्छी बात है कि अब कोरोना संक्रमण की रफ़्तार काफी धीमी पड़ गई है। इस तरह टीकाकरण संबंधी आगे की चुनौतियों से पार पाना कठिन नहीं होगा। यह भारत जैसी विशाल आबादी वाले देश में अब तक का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान होगा। पहले तो टीके की उपलब्धता, सभी जगह उसकी पहुंच और उसके उचित रखरखाव आदि को लेकर आशंकाएं जताई जा रही थीं, पर इन सारे पहलुओं की पहले से रूपरेखा तैयार कर ली गई है। पहले चरण के टीकाकरण से इस दिशा में आने वाली अन्य कठिनाइयों से पार पाने का रास्ता भी निकल आएगा।

यह दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान होगा, इसलिए इसे चुनौतियों से परे नहीं माना जा सकता। पर भारत के लिए टीकाकरण का यह नया अनुभव नहीं है। यहां के चिकित्साकर्मियों के लिए खसरा, डिप्थीरिया, पोलियो आदि के देशव्यापी टीकाकरण का लंबा अनुभव है। बेशक यह टीकाकरण उन सारे टीकों से कुछ अलग तरह का है और इसमें विशेष एहतियात की जरूरत है, मगर इसे लेकर देशव्यापी तैयारियां आश्वस्त करती हैं कि मुश्किलें नहीं आएंगी। कुछ लोग अवश्य इस टीके के प्रभाव को लेकर सशंकित हैं और कुछ राजनीतिक दल इसे सियासी रंग देने का प्रयास करते देखे जा रहे हैं। सवाल उठाए जा रहे हैं कि दो चरणों में ही इसका परीक्षण पूरा होने के बाद इसे आम लोगों को नहीं लगाया जाना चाहिए। कायदे से टीकों का तीन तरण में परीक्षण किया जाता है और उनके प्रभावों का अध्ययन करने के बाद ही आगे की प्रक्रिया शुरू की जाती है। इसलिए सवाल उठना कतई सही नहीं है।

गूगल ने 100 से ज्यादा पर्सनल लोन ऐप्स प्ले स्टोर से हटाए, यूजर्स और सरकारी एजेंसियों ने जताई थी चिंता

 

गूगल ने गुरुवार को कहा कि उसने भारत में अपने ऑनलाइन प्ले स्टोर से सैकड़ों पर्सनल लोन ऐप्स की समीक्षा की है और काफी ऐप्स को हटाया गया है. यूजर्स और सरकारी एजेंसियों ने इन ऐप्स को लेकर चिंता जताई थी. गूगल ने कहा है कि जो ऐप यूजर्स सेफ्टी पॉलिसी का उल्लंघन कर रहे थे, उन्हें तत्काल प्ले स्टोर से हटा दिया गया है.

नई दिल्ली: गूगल ने पर्सनल लोन से जुड़े कई ऐप्स को प्ले स्टोर से हटा दिया है. गुरुवार को गूगल ने कहा कि उसने भारत में अपने ऑनलाइन प्लेस्टोर से सैकड़ों पर्सनल लोन ऐप्स की समीक्षा की है और काफी ऐप्स को हटाया गया है. यूजर्स और सरकारी एजेंसियों ने इन ऐप्स को लेकर चिंता जताई थी.


हालांकि गूगल ने प्ले स्टोर से हटाए गए ऐप की संख्या नहीं बताई है. लेकिन फिनटेक एक्सपर्ट श्रीकांत ने कहा है कि गूगल ने पिछले 10 दिनों में कम से कम 118 ऐसे ऐप हटाए हैं.


स्थानीय कानूनों का पालन सुनिश्चित हो
कंपनी ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा, " गूगल ने कहा कि जो ऐप यूजर्स सेफ्टी पॉलिसी का उल्लंघन कर रहे थे, उन्हें तत्काल प्ले स्टोर से हटा दिया गया है. गूगल ने साथ ही अन्य ऐप डेवलपर्स से कहा है कि वे यह दर्शाएं कि किस तरीके से स्थानीय कानूनों और नियमनों का अनुपालन कर रहे हैं. यदि वे ऐसा करने में विफल रहते हैं तो उनकी ऐप को भी प्ले स्टोर से हटा दिया जाएगा"

तेलंगाना पुलिस ने भी 158 ऐप्स को हटाने के लिए कहा था
गौरतलब है कि हाल ही में तेलंगाना पुलिस ने कई ऐसे रैकेट्स का भंडाफोड़ किया था जिसमें धोखाधड़ी करने वाले लोन ऐप शामिल थे. ये यूजर्स को हाई रेट पर लोन की पेशकश करते थे और फिर उन्हें धमकी सहित कई अन्य तरीकों से प्रताड़ित करके करके रिपेमेंट के लिए ब्लैकमेल करते थे. पुलिस ने गूगल को प्ले स्टोर से 158 ऐप्स हटाने के लिए भी कहा था.

जरूरी अनुमति के लिए ही करें अनुरोध
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, श्रीकांत डिजिटल ट्रांजेक्शन के बारे में जागरूकता फैलाने वाले एक फोरम के कॉर्डिनेटर भी हैं. वे पिछले चार महीनों से इन ऐप्स के राइज होने का अध्ययन कर रहे हैं. उन्होंने एक ऐसे ही ऐप के डेवलपर्स को भेजे गए मेल का एक स्क्रीनशॉट भी शेयर किया, जिसमें उन्हें "5 दिनों के भीतर कंफर्म करने के लिए कहा गया था कि क्या आप भारतीय रिज़र्व बैंक से वैलिड अप्रूवल या नॉन बैंकिंग कंपनी का लाइसेंस रखते हैं "

इसके बाद, श्रीकांत ने ट्वीट किया, "आखिरकार गूगल ने #KillerLoAppApps पर एक महीने से कम समय तक चुप रहने के बाद एक्शन मोड में आ गया है. यदि ऐप को लाइसेंस प्राप्त हैं तो दस्तावेज़ों को प्रस्तुत करने के लिए ऐप्स को 5 दिन का समय दिया गया "


ब्लॉग ने यह भी स्पष्ट किया कि "यूजर्स की प्राइवेसी की रक्षा के लिए डेवलपर्स को केवल उन परमिशन का अनुरोध करना चाहिए जो वर्तमान सुविधाओं या सेवाओं को लागू करने के लिए आवश्यक हैं.

तेजस्वी यादव का तंज- बीजेपी के 'सेलेक्टेड' और 'नॉमिनेटेड' मुख्यमंत्री हैं नीतीश कुमार

 


तेजस्वी ने कहा कि नीतीश कुमार दिखावे के लिए कहते हैं कि उन्हें बिना इच्छा, जबरदस्ती मुख्यमंत्री बनाया गया. उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि जब सरकार संभल नहीं रही तो वे क्यों जबरदस्ती मुख्यमंत्री पद से चिपके हुए हैं?

पटना: राष्ट्रीय जनता दल के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बिहार की कानून व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जोरदार सियासी हमला बोला है. उन्होंने कहा कि बिहार में लूट, अपहरण, दुष्कर्म, हत्या और अपराध की सुनामी आई है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब थक चुके हैं, शिथिल पड़ चुके हैं. उन्होंने कहा, "नीतीश कुमार जी जनता के नहीं, बल्कि जनता का दमन करने वाले, अहंकारी, बीजेपी के सेलेक्टेड', 'नॉमिनेटेड' और अनुकंपाई मुख्यमंत्री हैं."


तेजस्वी ने एक प्रेस बयान जारी कर नीतीश कुमार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनमें कार्यक्षमता, इच्छाशक्ति ही नहीं, बल्कि संवेदनशीलता भी खत्म हो चुकी है. उनमें अगर कुछ नहीं समाप्त हुई है तो बस उनकी कुर्सी से चिपके रहने की लालसा. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी ने आगे कहा कि नीतीश कुमार दिखावे के लिए कहते हैं कि उन्हें बिना इच्छा, जबरदस्ती मुख्यमंत्री बनाया गया. उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि जब सरकार संभल नहीं रही तो वे क्यों जबरदस्ती मुख्यमंत्री पद से चिपके हुए हैं?


तेजस्वी पर बीजेपी का पलटवार


इधर, बीजेपी के प्रवक्ता निखिल आनंद ने तेजस्वी पर पलटवार करते हुए और नीतीश कुमार का बचाव करते हुए कहा कि बिहार की इसी एनडीए सरकार ने 2005 से 2015 तक सुशासन का मॉडल दिया था. लेकिन यह बात भी सत्य है कि 2015 में आरजेडी के सरकार में आने के बाद 'गवर्नेस' की तारतम्यता और लय गड़बड़ाया.


उन्होंने कहा, "बिहार की एनडीए सरकार आज की तारीख में भी उतनी ही तत्पर है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उसी कदर स्वयं हर घटना का गंभीरता से संज्ञान लेते हैं." निखिल ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि शहाबुद्दीन ब्रिगेड के लोग अपने गिरेबान में झांकें. विपक्ष सवाल जरूर उठाए, लेकिन शवों पर राजनीति नहीं करे

नागपुर के रहने वाले लेफ्टिनेंट कर्नल ने इंडियन आर्मी के लिए तैयार किया यह जबरदस्‍त हथियार, खर्च हुए 50000 रुपये

 

भारत ने पहली स्वदेशी 9 एमएम मशीन पिस्तौल अस्‍मी को डेवलप करने में कामयाबी हासिल की है. इस पिस्‍तौल को डिफेंस रिसर्च एंड डिजाइन ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) और इंडियन आर्मी ने साथ मिलकर डेवलप किया है. इस देसी हथियार का डिजाइन और इसके डेवलपमेंट की जिम्‍मेदारी मध्‍य प्रदेश के इंफ्रेंटरी स्कूल, महो और डीआरडीओ के आर्मामेन्ट रिसर्च एंड डवलेपमेंट इस्‍टैब्लिशमेंट (एआरडीई), पुणे की तरफ से अपनी विशेषज्ञताओं का उपयोग करते हुए किया गया है. इस पिस्‍तौल को लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद बंसोद ने तैयार किया है.

सिर्फ 4 माह के अंदर बनी मशीन पिस्‍तौल

यह पिस्‍तौल इस मायने में और ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण है क्‍योंकि इसे रिकॉर्ड चार माह के अंदर तैयार कर लिया गया है. मशीन पिस्तौल इनसर्विस 9 एमएम हथियार को दागता है. इसका ऊपरी रिसीवर एयरक्राफ्ट ग्रेड एल्‍युमिनियम से और निचला रिसीवर कार्बन फाइबर से बना है. ट्रिगर और बाकी हिस्‍सों की डिजाइनिंग और प्रोटोटाइपिंग में 3डी प्रिटिंग प्रक्रिया का इस्‍तेमाल किया गया है. सशस्त्र बलों में हैवी वेपन डिटेंचमेंट, कमांडरों, टैंक और पायलट, डिस्पैच राइडर्स, रेडियो या राडार ऑपरेटरों, क्‍लोज कॉम्‍बेट, एंटी-टेरर ऑपरेशंस और दूसरे फील्‍ड एक्शन में पर्सनल वेपन के तौर पर इसकी क्षमता काफी कारगर है.

क्‍यों रखा गया नाम अस्‍मी

इस पिस्‍तौल का प्रयोग केंद्रीय और राज्य पुलिस संगठनों के साथ-साथ वीआईपी सुरक्षा ड्यूटियों तथा पुलिसिंग में किया जा सकता है. हर मशीन पिस्तौल की प्रोडक्‍शन कॉस्‍ट 50 हजार रुपये के अंदर है. माना जा रहा है कि भारत इसे दूसरे देशों को भी निर्यात कर सकता है. पिस्तौल का नाम 'अस्मी' रखा गया है जिसका अर्थ गर्व, आत्मसम्मान और कठिन परिश्रम है. सरकार का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विजन को ध्यान में रखते हुए यह कदम आत्मनिर्भरता के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा और सेना औरअर्धसैनिक बलों में इसे तेजी से शामिल किया जाएगा.

टीचर के बेटे हैं लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद

पिस्‍तौल को डिजाइन करने वाले लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद बंसोद नागपुर के रहने वाले हैं. शहर के लोग इस बात को जानकारी काफी गौरान्वित महसूस कर रहे हैं. लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद को स्‍वदेशी मशीन पिस्‍तौल को डेवलप करने का आइडियार करीब छह माह पहले आया था. लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद के पिता अनिल और मां अंजिल बंसोद, दोनों ही केंद्रीय विद्यालय में पढ़ाते हैं और नागपुर में ही रहते हैं. काफी माथापच्‍ची के बाद लेफ्टिनेंट कर्नल के दिमाग में अस्‍मी का आइडिया आया था. जब डिजाइन रेडी हो गया तो उन्‍होंने पुणे स्थित आर्मामेन्ट रिसर्च एंड डवलेपमेंट इस्‍टैब्लिशमेंट (एआरडीई) से संपर्क किया. आज लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद की मेहनत सबके सामने है.

PM Kisan Scheme: किसानों को बड़ा तोहफा देगी मोदी सरकार, हर किसी के खाते में आएंगे इतने पैसे !

 

नई दिल्ली : संसद का बजट सत्र 29 जनवरी से शुरू होने जा रहा है। यह सत्र दो हिस्सों में 8 अप्रैल तक चलेगा। बजट सत्र पहला चरण 29 जनवरी से शुरू होकर 15 फरवरी तक चलेगा जबकि दूसरा चरण 8 मार्च से 8 अप्रैल तक चलेगा। सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित करने से होगी। जबकि आम बजट 1 फरवरी को सुबह 11 बजे पेश किया जाएगा।

बजट को लेकर वित्त मंत्रालय की तैयारी जोरों पर है। जबकि देश की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए प्रधानमंत्री खुद भी लगातार बैठक कर रहे हैं। किसान आंदोलन के बीच सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक इस बार के बजट में खेती और किसानी को लेकर सरकार बड़ा ऐलान कर सकती है। बताया जा रहा है कि पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम (PM Kisan Samman Nidhi Scheme) के तहत मिलने वाले 6,000 रुपये सालाना को सरकार बढ़ा सकती है। बताया जा रहा है कि सरकार 6000 से बढ़ाकर 10000 रुपये सालाना कर सकती है।

दरअसल किसान केंद्र सरकार से इस रकम को बढ़ाने की भी मांग कर रही है। किसानों की दलील है कि 6,000 रुपये सालाना की रकम पर्याप्त नहीं है। किसानों का कहना है कि इस योजना के तहत उन्हें प्रति महीने 500 रुपये की रकम मिलती है जो पर्याप्त नहीं है। धान की एक एकड़ जमीन में फसल में 3-3.5 हजार रुपये लगते हैं, जबकि गेहूं की एक एकड़ खेती के लिए उन्हें 2-2.5 हजार रुपये खर्च करने पड़ते हैं। ऐसे में उन्हें इस स्कीम से उतना लाभ नहीं मिल पाता है जितनी मिलनी चाहिए। लिहाजा मोदी सरकार को इस रकम बढ़ानी चाहिए, जिससे किसानों को राहत मिल सके।

आपको बाता दें कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना केंद्र सरकार द्वारा 100 फीसदी फंड पाने वाली स्कीम है। केंद्र की मोदी सरकार ने इसे दिसंबर 2018 शुरू किया था। इसके अंतर्गत छोटे और मझौले किसानों को सालाना 6,000 रुपये उनके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किए जाते हैं। फिलहाल इस स्कीम का लाभ उन्हीं किसानों को मिल रहा है जिनके पास 2 हेक्टेयर या फिर इससे कम जमीन है

Uttar Pradesh News: देश में Corona Vaccine पर जारी है सियासत, अब मायावती का ऐलान- BSP सरकार बनते ही सबको फ्री में देंगे वैक्सीन

 

देश में Corona Vaccine पर जारी है सियासत

Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समजावादी पार्टी (BSP chief Mayawati) की प्रमुख मायवती ने आज अपने जन्मदिन के मौके पर प्रेस कॉन्‍फ्रेस किया. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के आगामी विधानसभा चुनावों के लिए बसपा किसी भी राजनीतिक दल के साथ कोई गठबंधन नहीं करेगी. बसपा प्रमुख ने कहा कि पार्टी अपने दम पर आगामी सभी विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव लड़ेगी.

पूरे देश में कल से शुरू होने वाले कोरोना टीकाकरण अभियान पर उन्होंने कहा कि BSP ने COVID-19 टीकाकरण अभियान शुरू करने के सरकार के फैसले का स्वागत किया और केंद्र और राज्य सरकार से अनुरोध किया कि वह देश भर में सभी को मुफ्त में वैक्सीन प्रदान करे. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर उत्तर प्रदेश में बसपा की सरकार बनी तो वह सभी को मुफ्त में COVID-19 वैक्सीन प्रदान करेगी.

वहीं राजधानी दिल्ली में मोदी सरकार के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन पर भी BSP प्रमुख ने अपनी बात रखी. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने केंद्र सरकार से दिल्ली में आंदोलनरत किसानों की सभी मांगों को स्वीकार करने का आग्रह भी किया.

UP में चढ़ाने लगा है सियासी पारा, ओवैसी ने कहा-अखिलेश यादव ने मुझे 12 बार यहां आने से रोका

बता दें BSP प्रमुख मायावती 15 जनवरी को अपना 65वां जन्मदिन मना रही है. अपने जन्मदिन से पहले ही उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों से अपील की थी कि सभी लोग इस दिन को सादगी से मनाये. मालूम हो कि 1995 में पहली बार वह उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी थी. 2012 के बाद उनकी पार्टी यूपी में सत्ता से बाहर है और वापसी की पूरी तैयारी कर रही है