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Friday 15 January 2021

Ram Mandir Donation: सोमनाथ मंदिर के लिए चंदा जुटाने की कहानी, नेहरू ने इस बात पर जताई थी आपत्ति

 

Ram Mandir Donation: अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए देशभर से चंदा जुटाने का अभियान आज से शुरू हो रहा है। श्री राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और विश्व हिंदू परिषद देश के पांच लाख गांवों के एक करोड़ घरों से चंदा जुटाएंगे। राम मंदिर के लिए चंदा जुटाने का ये अभियान 15 जनवरी से 27 फरवरी तक चलेगा। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि मंदिर निर्माण के लिए देशभर में इतने विशाल स्तर पर चंदा जुटाने का प्रयास पहली बार नहीं हो रहा है। इससे पहले सोमनाथ मंदिर के निर्माण के लिए भी देशभर के लोगों ने दिल खोलकर दान किया था। मंदिर निर्माण में राजनीति के दखल को इसलिए कम से कम रखने के बारे में सोचा गया था ताकि मंदिर प्रक्रिया में गठन धार्मिक भावनाओं के अनुरूप हो. विहिप ने सोमनाथ मंदिर के ट्रस्ट की तर्ज़ पर (मोदी और शाह जिसमें बोर्ड सदस्य हैं) ही राम मंदिर के ट्रस्ट बनाए जाने पर ज़ोर दिया था. अब जानने लायक बात ये है कि सोमनाथ ट्रस्ट में क्या खास है, जो राम मंदिर ट्रस्ट के लिए मॉडल के तौर पर देखा गया.

ऐसे ही सोमनाथ मंदिर की कहानी

अयोध्या मंदिर की तरह सोमनाथ मंदिर को भी आक्रमणकारियों ने ध्वस्त कर दिया था। साल 1026 ईस्वी में महमूद गजनवी ने सोमनाथ को तहस नहस कर जमकर लूट मचाई थी। बाद में सैकड़ों सालों तक यह मंदिर जीर्णशीर्ण अवस्था में रहा। भारत की आजादी के बाद 1947 में सरदार वल्लभभाई पटेल ने जूनागढ़ में सोमनाथ मंदिर के निर्माण के लिए एक सभा बुलाई और मंदिर को फिर से निर्माण के लिए घोषणा की थी।

सोमनाथ मंदिर निर्माण के पहले

एक बार भाजपा के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी ने अपने ब्लॉग में सोमनाथ मंदिर पुनर्निर्माण को लेकर लिखा था कि सरदार वल्लभ भाई पटेल ने महात्मा गांधी से आर्शीवाद लेकर सोमनाथ मंदिर के पुर्ननिर्माण का काम शुरू किया था। इस मामले में सरदार पटेल नेहरू, केएम मुंशी और एनवी गाडमिल का भी सहयोग प्राप्त कर चुके थे। तब महात्मा गांधी ने कहा था कि सोमनाथ मंदिर के निर्माण के लिए सरकार के बजाय लोगों से मंदिर निर्माण के लिए धन जुटाना चाहिए। बाद में सोमनाथ मंदिर के निर्माण के लिए एक ट्रस्ट भी बना था, जिसके लेखक व शिक्षाविद् केएम मुंशी भी शामिल थे।

सोमनाथ मंदिर निर्माण के लिए फंडिंग की कहानी

केएम मुंशी ने अपनी किताब में लिखा है कि सोमनाथ पुनरुद्धार की घोषणा के बाद कई लोगों ने दान किया था। जब सरकारी प्रतिनिधि भी दान देने के लिए सामने आए तो महात्मा गांधी ने सुझाव दिया कि इस काम में जनता की भागीदारी होना चाहिए, सरकार की नहीं तो सरदार पटेल ने कई जनप्रतिनिधियों की राशि लौटा दी और उन्हें सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट में दान देने के लिए कहा।

दस्तावेजों के मुताबिक साल 1949 तक फंड में 25 लाख रुपए इकट्ठा हो चुके थे। बाद में 15 मार्च 1950 को ट्रस्ट शुरू हुआ और जाम साहब ने शिलान्यास किया। 1951 में मंदिर का बेस और गर्भगृह तैयार हो चुका था। तब सोमनाथ मंदिर में लिंग स्थापना के लिए पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद से आग्रह किया गया था तो पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने इस पर ऐतराज जताया था। नेहरू ने इसे 'हिंदू पुनर्जागरण' बताते हुए कहा था कि देश के शीर्ष नेतृत्व को इससे नहीं जुड़ना चाहिए। हालांकि राष्ट्रपति प्रसाद ने नेहरू के इस ऐतराज को महत्व न देते हुए मंदिर के समारोह में शिरकत की थी।

सरकार और किसानों के बीच आज नौवें दौर की वार्ता, जानें किसे क्या है उम्मीद


दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 50 दिनों से किसानों का आंदोलन जारी है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से 4 सदस्यों की कमेटी गठित करने के बाद भी किसान अपनी मांगों पर अड़े हुए है। दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों के लिए आज का दिन अहम है। तीनों कृषि कानूनों के पर जारी घमासान के बीच आज एक बार फिर सरकार और किसानों के बीच बातचीत होगी। आज दोपहर 12 बजे विज्ञान भवन में किसानों और सरकार के बीच नौवें दौर की वार्ता होगी।

कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं ने कहा कि वे सरकार के साथ नौवें दौर की वार्ता में भाग लेंगे, लेकिन उन्हें इस बातचीत से ज्यादा उम्मीद नहीं है कि इस बातचीत से कोई समाधान निकलेगा। क्योंकि वे विवादित कानूनों को वापस लिए जाने से कम पर नहीं मानेंगे। चूंकि, कृषि कानूनों के मुद्दे पर गतिरोध को समाप्त करने के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त पैनल की पहली बैठक 19 जनवरी को होने की संभावना है, ऐसे में शुक्रवार को केन्द्र सरकार और किसान संघों के बीच इस मुद्दे पर यह अंतिम बैठक हो सकती है।

जानकारी के लिए बता दे कि केन्द्र सरकार और किसान नेताओं के बीच पहले हो चुकी आठ दौर की बातचीत में कोई सफलता नहीं मिली है। वहीं, गुरूवार को केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि सरकार को आशा है कि शुक्रवार को होने वाली बैठक में कुछ अच्छा परिणाम निकलेगा। किसान संगठनों का कहना है कि वे सरकार के साथ निर्धारित वार्ता में हिस्सा लेने को तैयार हैं, लेकिन उन्होंने न्यायालय द्वारा नियुक्त पैनल के समक्ष उपस्थित होने से इनकार किया है और उसके सदस्यों पर भी सवाल उठाया है। 

स्विट्जरलैण्ड के जेनेवा स्कूल ऑफ डिप्लोमेसी में उच्चशिक्षा के लिए छात्रा आयुषी चयनित

 


लखनऊ। सिटी मान्टेसरी स्कूल, राजाजीपुरम (प्रथम कैम्पस) की छात्रा आयुषी शुक्ला ने 100 प्रतिशत स्कॉलरशिप के साथ स्विट्जरलैंण्ड के जेनेवा इन्स्टीट्यूट ऑफ डिप्लोमेसी एण्ड इण्टरनेशनल रिलेशन्स, जेनेवा में उच्चशिक्षा हेतु चयनित होकर लखनऊ का नाम गौरवान्वित किया है। सी.एम.एस. की यह मेधावी छात्र अब विश्व के इस प्रतिष्ठित शैक्षिक संस्थान में इण्टरनेशनल रिलेशन्स विषय में तीन वर्षीय स्नातक कोर्स निःशुल्क पूरा कर सकेगी।

अपनी सफलता पर आयुषी ने कहा कि 'सी.एम.एस. में स्कूल शिक्षा दौरान ही मुझमे सार्वजनिक रूप से बोलने का रूझान उत्पन्न हुए और इसी दौरान विद्यालय द्वारा आयोजित मुख्य न्यायाधीशों के अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने का अवसर मिला। इस सम्मेलन में मुझे विश्व के कई देशों के मुख्य न्यायाधीशों, न्यायाधीशों, राष्ट्र प्रमुखों से मिलने और बातचीत करने का मौका मिला, जिसके कारण मुझे वैश्विक मामलों और कूटनीति की बेहतर समझ मिली। इसके अलावा, मेरी रूचि को देखते हुए मेरे शिक्षकों ने मुझे इस क्षेत्र को चुनने के लिए प्रेरित किया। मैं स्विटजरलैंण्ड के इस प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में एडमीशन को लेकर स्वयं का रोमांचित महसूस कर रही हूँ।'

सी.एम.एस. राजाजीपुरम (प्रथम कैम्पस) की प्रधानाचार्या निशा पाण्डेय ने आयुषी को बधाई देते हुए कहा कि आयुषी अभूतपूर्व प्रतिभा की धनी छात्रा है, साथ ही प्रखर वक्ता भी है। आयुषी ने शैक्षणिक सत्र 2019.-20 में आई.एस.सी. (कक्षा-12) की परीक्षा 92 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण की है। मुझे उसकी अभूतपूर्व सफलता पर गर्व है

आतंकवादियों का खात्‍मा करने के लिए भारत की पहली स्वदेशी मशीन पिस्टल ASMI तैयार

 


नई दिल्ली. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और भारतीय सेना (Indian Army) ने भारत की नौ एमएम की पहली स्वदेशी मशीन पिस्तौल ( Machine Pistol) तैयार की है. पिस्तौल का नाम 'अस्मी (ASMI)' रखा गया है जिसका अर्थ- गर्व, आत्मसम्मान तथा कठिन परिश्रम है. रक्षा मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. मंत्रालय ने कहा कि सेना के महू स्थित इनफैंट्री स्कूल और डीआरडीओ के पुणे स्थित आयुध अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान ने हथियार का डिजाइन तैयार किया है और इसे बनाया भी है.

मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सशस्त्र बलों में विभिन्न अभियानों में व्यक्तिगत हथियार के तौर पर और साथ ही उग्रवाद तथा आतंकवाद रोधी अभियानों में भी यह पिस्तौल दमदार साबित होगी. मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि इस हथियार को चार महीने के रिकॉर्ड टाइम में विकसित किया गया है.

मंत्रालय की ओर से जानकारी दी गई है कि मशीन पिस्तौल इनसर्विस 9 एमएम हथियार का फायर करती है. इसका ऊपरी रिसीवर एयरक्राफ्ट ग्रेड एलुमिनियम से तथा निचला रिसीवर कार्बन फाइबर से बना है. ट्रिगर घटक सहित इसके विभिन्न भागों की डिजाइनिंग और प्रोटोटाइपिंग में 3डी प्रिटिंग प्रक्रिया का इस्तेमाल किया गया है. :- ओडिशा तट से MRSA मिसाइल का सफल परीक्षण, जमीन से हवा में 100 किमी तक करेगी हमला

स्वदेश विकसित लैंडिंग गियर नौसेना को सौंपे गए
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की इकाई कॉम्बैट व्हिकल्स रिसर्च एंड डेवपलमेंट एस्टेबलिशमेंट (सीवीआरडीई) द्वारा मानवरहित यान के लिए स्वदेश विकसित एवं अलग हो सकने वाली लैंडिंग गियर प्रणाली को नौसेना को सौंप दिया गया है. बख्तरबंद वाहनों और जंगी प्रणालियों के डिजाइन एवं विकास का काम करने वाले सीवीआरडीई की ओर से कहा गया कि केंद्र के आत्मनिर्भर कार्यक्रम के तहत उसने मानवरहित यान 'तापस' के लिए तीन टन वजनी 'रिट्रेक्टेबल लैंडिंग गियर सिस्टम्स' का निर्माण किया है तथा स्विफ्ट यूएवी के लिए एक टन की लैंडिंग गियर प्रणाली बनाई है

मायावती का बड़ा ऐलान, UP- उत्तराखण्ड में लड़ेगे अकेले चुनाव, सभी सीटों पर उतारेंगे उम्मीदवार

 


नई दिल्ली/टीम डिजिटल। उत्तरप्रदेश (Uttarpradesh) की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (BSP) की अध्यक्ष मायावती (mayawati) ने उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए अपनी पार्टी के पत्तों को खोल दिया है। मायावती ने ऐलान किया है कि उत्तरप्रदेश के साथ-साथ बसपा उत्तराखण्ड में भी विधानसभा चुनाव लड़ने जा रही है पार्टी ने कहा है कि वह अकेले विधानसभा चुनाव लड़ने वाले हैं। वह किसी का साथ नहीं लेंगे।

Corona Effect: 26 जनवरी की परेड में इस बार होंगे ये बड़े बदलाव, गाइडलाइन्स जारी

कोरोना वैक्सीन को देने की कही बात
मायावती ने इसके अलावा कोरोना वैक्सीन को लेकर कहा है कि उनकी सरकार आएगी तो वह राज्य में सभी को मुफ्त में कोरोना वैक्सीन देंगे। इसके अलावा मायावती ने किसानों के मुद्दों पर बोलते हुए उनका समर्थन किया है। मायावती ने केंद्र सरकार और राज्य दोनों से कहा है कि उन्हें किसानों की सभी मांगों को मान लेना चाहिए

इस्लाम धर्म अपनाना चाह रहे हिन्दू युवक ने हाईकोर्ट में दायर की याचिका, प्रक्रिया में तेजी लाने की मांग

 

अहमदाबाद. इस्लाम धर्म अपनाने के इच्छुक 32 वर्ष के एक हिंदू व्यक्ति ने गुजरात हाईकोर्ट (Gujarat High court) में एक अर्जी दायर करके भरुच जिले के प्राधिकारियों को इस प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश देने का अनुरोध किया है और कहा है कि अपना आवेदन जमा करने के बाद वह एक वर्ष से अधिक समय तक इंतजार कर चुका है. याचिकाकर्ता जिग्नेश पटेल के वकील एम टी सैयद ने गुरुवार को कहा कि भरुच के कलेक्टर एक साल से अधिक समय से पटेल का आवेदन रोके हुए हैं, जबकि फरवरी 2020 में एक सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) की जांच रिपोर्ट में इस संबंध में अनुकूल राय दी गई थी कि उन्हें धर्मांतरण की अनुमति दी जा सकती है. जस्टिस बेला त्रिवेदी ने हाल के एक आदेश में जिला कलेक्टर को निर्देश दिया कि वह पटेल के आवेदन पर 'जितना जल्दी हो सके' निर्णय लें, अच्छा हो आठ सप्ताह के भीतर. पटेल के वकील ने कहा, 'भरुच में कलेक्टर की अनुमति के लिए आवेदन एक वर्ष से अधिक समय से लंबित है. याचिका कलेक्टर को आवेदन पर फैसला के लिए निर्देश देने के लिए दायर की गई थी.'

'पटेल पर धर्मपरिवर्तन का दबाव नहीं'
सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट में यह स्थापित हुआ था कि पटेल पर धर्मपरिवर्तन का दबाव नहीं है, जिसका उल्लेख राज्य के धर्मांतरण निरोधक कानून में है. पटेल ने आवेदन 26 नवंबर, 2019 को कलेक्टर के पास इस घोषणा के साथ दिया था कि धर्मांतरण के लिए उस पर न तो कोई दबाव है और न ही वह ऐसा किसी लालच में कर रहा है.याचिकाकर्ता ने अपने हलफनामे में कहा था कि वह इस्लाम के प्रति आकर्षित था और धर्म को अपनाना चाहता है. याचिकाकर्ता ने कहा कि वह छह साल से मुस्लिमों की तरह रह रहा है, उसने कहा कि वह रमजान के दौरान रोजा रखता है, नमाज अदा करता है और और इस धर्म से जुड़े अन्य रिवाजों का पालन करता है.

जिग्नेश पटेल ने हाईकोर्ट में दायर अपनी याचिका में कहा कि उसके आवेदन को इमरान पटेल नाम के एक व्यक्ति द्वारा भी समर्थन किया गया था, जिसे धर्मांतरण का नेतृत्व करना था. उसने कहा कि उक्त कार्यक्रम पहले एक जनवरी, 2020 को होने वाला था, लेकिन कलेक्टर ने कोई जवाब नहीं दिया.

29 जनवरी से 8 अप्रैल तक चलेगा बजट सत्र, दोनों सदनों को संबोधित करेंगे राष्ट्रपति

 


नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। संसद का बजट सत्र (Budget session 2021) 29 जनवरी से आठ अप्रैल तक चलेगा। आम बजट एक फरवरी को पेश किया जाएगा। बजट सत्र में लोकसभा (Loksabha) की कार्यवाही अपराहन 4 बजे से रात 9 बजे तक चलेगी। बजट सत्र 8 अप्रैल तक चलेगा, जिसमें 33 दिन कार्यवाही चलेगी। आगामी 29 जनवरी को पूर्वाहन 11 बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) संसद के केंद्रीय कक्ष में दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करेंगे।

15 फरवरी तक चलेगा पहला भाग
उसी दिन लोकसभा की कार्यवाही राष्ट्रपति के अभिभाषण के समाप्त होने के आधा घंटे बाद थोड़ी देर के लिए होगी, जिसमें आर्थिक सर्वेक्षण सदन में पेश किया जाएगा। पहला भाग 15 फरवरी तक चलेगा। इसके पश्चात आठ मार्च से आठ अप्रैल तक दूसरा भाग होगा। लोकसभा सचिवालय के अनुसार एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 11 बजे वर्ष 2021-22 का आम बजट पेश करेंगी।

अगले दिन दो फरवरी से लेकर आठ अप्रैल तक लोकसभा की कार्यवाही अपराह्न चार बजे से रात नौ बजे तक चलेगी। सूत्रों के अनुसार सात मार्च तक विभिन्न मंत्रालयों पर संसदीय स्थायी समितियां अनुदान मांगों पर चर्चा करके रिपोर्ट तैयार करेंगी।

सत्र से पहले सबका होगा कोरोना टेस्ट
गौरतलब है कि कोविड-19 महामारी के कारण संसद के मानसून सत्र में लोकसभा एवं राज्यसभा में जनवरी को पूर्वाहन 11 बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद दोनों सदनों को संबोधित करेंगे, 2 हिस्सों में चलेगा सत्र, 4 बजे से रात के 9 बजे तक लोकसभा की कार्यवाही चलेगी, बजट सत्र से पहले सभी मंत्रियों, सांसदों, अधिकारियों, कर्मचारियों की होगी जांच फरवरी को सुबह 11 बजे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी आम बजट कार्यवाही पारियों में चली थी।

सुबह नौ से दोपहर एक बजे तक राज्यसभा तथा अपराहन तीन बजे से सात बजे तक लोकसभा की कार्यवाही चली थी। सूत्रों ने कहा कि बजट सत्र के दौरान उसी व्यवस्था को बनाए रखने या नई व्यवस्था बनाने के बारे में उच्च स्तर पर विचार विमर्श किया जा रहा है। संसद के बजट सत्र के शुरू होने के पहले सभी कर्मचारियों, अधिकारियों, सुरक्षा कर्मियों, पत्रकारों, सांसदों एवं मंत्रियों का कोविड परीक्षण कराया जाएगा।

कोविड-19 से संबंधित सभी दिशानिर्देशों का होगा पालन
हालांकि इन सभी को कोविड का टीका लगाए जाने के बारे में अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने हाल ही एक कार्यक्रम के दौरान संकेत दिया था कि बजट सत्र के पहले संसद कोविड के टीकाकरण के लिए तैयार हैं लेकिन इस बारे में सरकार ही कोई निर्णय लेगी।

संसद की स्थायी समिति को विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों की अनुदान की मांगों पर विचार करना सुगम बनाने के लिये 15 फरवरी को सत्र का पहला चरण स्थगित कर दिया जायेगा और 8 मार्च से दूसरे चरण की बैठक शुरू होगी। संसद के बजट सत्र के दौरान कोविड-19 से संबंधित सभी दिशानिर्देशों का पालन किया जाएगा।

Corona Vaccination: पीएम मोदी कल करेंगे दुनिया के सबसे बड़े कोविड टीकाकरण अभियान की शुरुआत, ये बातें ध्यान में रखना बेहद जरूरी

 


शुरुआती तौर पर फ्रंटलाइन वर्कर्स को कोविड का टीका दिया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 जनवरी से दुनिया के सबसे बड़े कोविड टीकाकरण की शुरुआत करने वाले हैं.

नई दिल्ली: कोरोना वायरस (कोविड-19) के खिलाफ लड़ाई में भारत अब एक कदम और आगे बढ़ाने जा रहा है. देश में 16 जनवरी से कोरोना टीकाकारण का अभियान शुरू होगा. देश में दो कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दी जा चुकी है. शुरुआती तौर पर फ्रंटलाइन वर्कर्स को कोविड का टीका दिया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 जनवरी से दुनिया के सबसे बड़े कोविड टीकाकरण की शुरुआत करने वाले हैं. ऐसे में कुछ जरिए बातें भी जानना बेहद जरूरी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार 16 जनवरी को दुनिया के सबसे बड़े कोरोना वायरस टीकाकरण अभियान की शुरुआत करेंगे, जिसमें पहले दिन भारत के तीन लाख स्वास्थ्य कर्मचारियों को टीका लगाया जाना है. इस बीच यहां जानिए राष्ट्रीय स्तर और राजधानी दिल्ली में ये अभियान कैसे आगे बढ़ेगा....


देश में कैसे चलेगा अभियान?


- लाभार्थियों को शुक्रवार को आवंटित साइट और समय के साथ एक मैसेज मिलेगा.


- पहले दिन देश में प्रत्येक जगह टीके लगाए जाने वाले लोगों की औसत संख्या 100 होगी. बाद में टीकाकरण को धीरे-धीरे बढ़ाया जाएगा.


- शुरुआती तौर पर 16.5 मिलियन (1.65 करोड़) खुराक देश भर में भेज दी गई हैं.


शनिवार को लॉन्च के लिए राष्ट्रीय स्तर पर 3006 टीकाकरण स्थल स्थापित किए गए हैं, जो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के साथ शुरू होंगे.


दिल्ली में कैसे होगा टीकाकरण अभियान?


लगभग 8100 फ्रंटलाइन मेडिकल वर्कर्स को टीका लगेगा. यह अभियान 175 केंद्रों पर चलेगा. बाद में 1000 तक इसे बढ़ाया जाएगा.


दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लोक नायक अस्पताल में टीकाकरण अभियान को देखेंगे.


दिल्ली को कोविशील्ड की 2,74,500 और कोवैक्सीन की 20,000 डोज हासिल हुई हैं.


2,74,500 टीकों में से प्रत्येक स्वास्थ्य कार्यकर्ता को दो डोज लगेंगी. इसके अलावा 274,500 वैक्सीन में से 10% वैक्सीन अलग रखी जाएगी.


2,40,000 स्वास्थ्य कर्मचारी अब तक टीकाकरण के लिए रजिस्टर करवा चुके हैं. जिन लोगों को पहले सप्ताह वैक्सीन लगाई जाएगी, वो दूसरी खुराक के लिए पात्र होंगे.


दिल्ली में 81 टीकाकरण केंद्रों में से 75 कोविशील्ड वैक्सीन के लिए हैं, जबकि छह कोवैक्सीन के लिए होगी.


उत्तर-पश्चिम दिल्ली और पश्चिमी दिल्ली में 81 में से 11 टीकाकरण केंद्र हैं. यह दिल्ली के सभी जिलों में सबसे ज्यादा है. मध्य, दक्षिण-पश्चिम और दक्षिणी दिल्ली जिलों में प्रत्येक में नौ केंद्र होंगे. दक्षिण-पूर्वी दिल्ली में आठ केंद्र होंगे. नई दिल्ली में सात, शाहदरा में छह, पूर्वी दिल्ली में पांच, उत्तरी दिल्ली में चार और उत्तर-पूर्व दिल्ली में दो केंद्र होंगे.


वैक्सीन गुरुवार को ताहिरपुर के राजीव गांधी सुपरस्पेशलिटी अस्पताल से जिला भंडारण इकाइयों में पहुंचे. सभी वैक्सीन को शुक्रवार को जिला भंडारण इकाइयों से निर्धारित कोल्ड चेन पॉइंट्स पर ले जाया जा रहा है.

आज से लैंडलाइन फोन से मोबाइल का नंबर डायल करने से पहले करें ये जरूरी काम

 


Friday, 15 Jan, 11.07 amHimachal Abhi Abhi

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आज से लैंडलाइन फोन से मोबाइल का नंबर डायल करने से पहले करें ये जरूरी काम

अगर आप को लैंडलाइन फोन ( landline phone)से किसी के मोबाइल ( Mobile)पर कॉल करना है तो आज से आप को एक काम करना होगा और वह काम यह है कि नंबर मिलाने से पहले आप को शून्य का बटन दबाना होगा। हालांकि जब आप एक लैंडलाइन फोन से दूसरे लैंडलाइन पर फोन करेंगे या फिर मोबाइल से लैंडलाइन पर करेंगे तो इसकी जरूरत नहीं होगी यानी आप को फिर शून्य का बटन नहीं दबाना है। इस संबंध में टेलीकॉम कंपनियों ( Telecom companies) ने अपने उपभोक्ताओं ( Consumers)को संदेश भेज टेलीकॉम विभाग( डॉट) के नवंबर माह की याद दिलाई है। बीएलएनएल के चेयरमैन व एमडी पीके पुवार ने कहा कि निर्देशों के पालन के लिए जरूरी उपभोक्ता जागरूकता संपर्क शुरु कर दिया है।

एयरटेल ने अपने उपभोक्ताओं को भेजे एक संदेश में कहा है कि 15 जनवरी से प्रभावी हो रहे डॉट के निर्देशों के अनुसार लैंडलाइन से मोबाइल पर फोन करते समय नंबर से पहले 0 डायल करना अनिवार्य कर दिया है। रिलांयस जिओ ने भी अपने उपभोक्ताओं को इसी तरह का संदेश भेजा है।

भारतीय दूर संचार विनियामक प्राधिकरण ( ट्राई) ने इस तरह की कॉल के लिए 29 मई 2020 को नंबर से पहले शून्य लगाने की सिफारिशकी थी। इससे चेलिकंम कंपनियों को अधिक नंबर बनाने की सुविधा मिल पाएगी। इसके बाद नंबर माह में संचार मंत्रालय ने लैंडलाइन से मोबाइ पर फोन करने से पहे 0 डायल करने की जानकारी दी थी। साथ ही यह भी कहा था कि इस कदम से आने वाले समय में उपयोग के लिए पर्याप्त वंबरिंग खाली जाएगी। इससे करीब 253 करोड़ नंबरिंग सीरिज उपलब्ध होने की संभावना है।

जब सपा के विधायकों और समर्थकों की भीड़ करने वाली थी मायावती पर हमला!

 


Friday, 15 Jan, 11.10 amUPUK Live

राष्ट्रीय समाचार
जब सपा के विधायकों और समर्थकों की भीड़ करने वाली थी मायावती पर हमला!

लखनऊ। 15 जनवरी को यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती का 65 वां जन्मदिन है। आज हम आपको मायावती से जुड़ी उस घटना के बारे में बता रहे हैं जो पिछली पीढ़ी के अक्सर ज़ुबान पर रहती है। हालांकि वर्तमान पीढ़ी के युवाओं को इस बारे में कुछ खास नहीं मालूम।

घटना 2 जून 1995 की है, मायावती के जीवन का यह वो स्याह दिन है, जो शायद वो कभी न भूल पाएं। 1995 में मायावती अनुसूचित जाति की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं। लेकिन इससे पहले उसी साल सपा और बसपा गठबंधन ने चुनाव जीते थे। जिसमें सपा को 109 और बसपा को 67 सीटें मिली थीं।

इसके बाद बसपा के समर्थन से मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री बने। हालांकि, 2 जून 1995 को मनमुटाव के कारण, बसपा ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया। इस वजह से सरकार अल्पमत में आ गई थी।

मायावती के जीवन पर आधारित अजय बोस की किताब 'बहनजी' के मुताबिक, नाराज सपा कार्यकर्ता और विधायक लखनऊ के मीराबाई मार्ग स्थित स्टेट गेस्ट हाउस पहुंचे, जहां मायावती कमरा नंबर 1 में थीं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कथित सपा विधायकों और समर्थकों की उन्मादी भीड़ मायावती पर हमला करने पर आमादा थी। किसी तरह मायावती ने खुद को कमरे में बंद कर लिया था और बाहर से सपा विधायक और समर्थक दरवाजा तोड़ने में लगे थे।

हालांकि, उसी समय, दबंग छवि के भाजपा विधायक ब्रम्हदत्त द्विवेदी भी पहुंचे थे और सपा विधायकों और समर्थकों को पीछे धकेल दिया था। ब्रम्हदत्त द्विवेदी को मायावती खुद अपना भाई कहने लगी थीं।